
हरियाणा विधानसभा चुनाव पहले कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह और बगावत खुलकर सामने आ रही है। ताजा मामले में सोनीपत के विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे जयतीर्थ दहिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह टिकट न मिलने की वजह से नाराज चल रहे थे। उनके इस्तीफे के बाद अब राई में भीतरघात की स्थिति बन सकती है।
सोनीपत। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे। इससे पहले कांग्रेस पार्टी का बड़ा झटका लगा है।
राई विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के करीबी रहे जयतीर्थ दहिया ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह टिकट न मिलने की वजह से नाराज चल रहे थे। राई में अब कांग्रेस प्रत्याशी के लिए भीतरघात की स्थिति बनती नजर आ रही है। इसे लेकर पार्टी को सतर्क होने पड़ेगा
राई के मतदाता खामोश, सत्ता के साथ जाना पसंद
पहली बार 14 उम्मीदवार मैदान में, हर बार बनता है रोमांचक मुकाबला जीटी रोड बेल्ट की पहली सीट राई विधानसभा क्षेत्र के मतदाता इस बार खामोश है। मतदान को कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक न चुनावी शोर ने जोर नहीं पकड़ा है।
पहली बार मैदान में हैं 14 प्रत्याशी
जब अब तक के इतिहास में राई सीट पर पहली बार 14 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। यहां लगभग हर चुनाव में जीत हार का कम अंतर होता है और मतदाताओं की खामोशी इस बार भी रोमांचक मुकाबले की तरफ इशारा कर रही है। मतदाताओं की चुप्पी से सभी दलों के प्रत्याशी चिंतित हैं
ऐसे में भाजपा ने 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का शेड्यूल घोषित कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की रैली होने की भी संभावना बढ़ गई है। हालांकि यहां के मतदाताओं के बारे में कहा जाता है कि जिस पार्टी की सरकार बनती है, विधायक उसी पार्टी का बनता है।
इसलिए खास है राई
पाकिस्तान बॉर्डर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की तरफ आने जाने के राई को दिल्ली का प्रवेश और निकास द्वार माना जाता है। अंग्रेजी सल्तनत से लेकर वर्तमान तक देश की राजधानी की रक्षा करने के लिए यहां के लोगों ने बड़ी कुर्बानियां दी है।
किसान आंदोलन के दौरान सरकार यहीं पर किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोकने में कामयाब हुई थी। सिंघू बॉर्डर दिल्ली के सबसे बड़े एंट्री प्वाइंट में शामिल है और उत्तर हरियाणा के पांच राज्यों की राजधानी से कनेक्टिविटी है।
- कुल वोट-198792
- पुरुष-106936
- महिलाएं-91848
- ट्रांसजेंडर-08
राई क्षेत्र के कद्दावर ने चौधरी रिजक राम संयुक्त पंजाब के दौर से विधायक बनते रहे हैं। हरियाणा अलग होने के बाद भी पांच बार विधायक बने। 2009 और 2014 में उनके बेटे जयतीर्थ भी विधायक रहे। उनके अलावा बाप बेटे दोनों को जीत का मौका नहीं मिला। हालांकि कई बड़े नेताओं के बेटे सक्रिय राजनीति में हैं।
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