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पार्टी ने इस सीट पर दिल्ली पुलिस से वीआरएस लेकर राजनीति में आये मनोज रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पलवल। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट को लेकर भाजपा में बगावत के सुर उठ रहे हैं। टिकट न मिलने से नाराज भाजपा जिला उपाध्यक्ष रविन्द्र सहरावत ने जजपा में शामिल हो गए। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली में पटका पहनकर पार्टी में उनका स्वागत किया।

बता दें कि रविन्द्र सहरावत हथीन विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, मगर पार्टी ने दिल्ली पुलिस से वीआरएस लेकर राजनीति में आये मनोज रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है।

रविन्द्र सहरावत ने आज आगे की रणनीति तय करने के लिए समर्थकों की बैठक बुलाई है। इसमें तय होगा कि वह चुनाव लड़ने पर क्या फैसला लेंगे। उल्लेखनीय है कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी।

उम्मीदावार की प्रोफाइल

नाम - मनोज रावत

उम्र - 36 शैक

योग्यता - ग्रेजुएट

क्रिमिनल केस - कोई नहीं

पार्टी - भाजपा

राजनीति पृष्ठभूमि - दिल्ली पुलिस मे हेड कॉन्स्टेबल के पद पर क्राइम ब्रांच में तैनात रहे। 2022 में वीआरएस लेकर भाजपा से जुड़े।

किसान मोर्चा करेगा भाजपा उम्मीदवारों का विरोध

संयुक्त किसान मोर्चा पलवल आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के विरोध में गांव-गांव जाकर प्रचार करेगा। यह फैसला शहर की जाट धर्मशाला में आयोजित हुई पंचायत में सर्वसम्मति से लिया गया। पंचायत में शामिल किसानों ने सर्वसम्मति से तय किया कि 17 सितंबर को गावों में भाजपा को हराने के लिए पंचायत आयोजित कर भाजपा हराने का संकल्प अभियान शुरू किया जाएगा।

28 सितंबर शहीद भगत सिंह जयंती को पूंजीपति और साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पंचायत की अध्यक्षता बादाम सिंह ने की, जबकि संचालन किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेन्द्र सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर किसान नेताओं ने कहा कि हिंदुस्तान आज भी कृषि प्रधान देश है। यहां देश की आधी से अधिक आबादी खेती पर निर्भर है, परंतु सरकार कृषि विरोधी व पूंजीपति परस्त नीतियां बना रही है।

इससे खेती घाटे का सौदा बन रही है और कर्ज में दबकर लाखों किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सरकार ने न तो एमएसपी की गारंटी दी गई और न ही किसानों की कर्ज मुक्ति की। इसके विपरीत खेती में काम आने वाली सभी वस्तुओं के दामों में लगातार बढ़ोतरी की गई।

13 महीने चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन को भी सरकार ने तरह-तरह के आरोप लगाकर बदनाम करने का काम किया। इसलिए हरियाणा विधानसभा के चुनाव में किसान-मजदूर मिलकर भाजपा सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे।

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