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Haryana Election हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। अब सोनीपत में जसपाल आंतिल ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। इससे पहले पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस को चुनाव में नुकसान हो सकता है। जसपाल आंतिल के बारे में आगे पढ़िए।

सोनीपत। राई हलके में कांग्रेस को लगातार को दूसरा झटका लगा है। पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया के बाद शुक्रवार को जसपाल आंतिल ने भी कांग्रेस छोड़ दी। वे भी टिकट न मिलने से नाराज थे।

वहीं, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए अपनी जमीन तक बेच दी। जसपाल क्षेत्र के बड़े गांव खेवड़ा के रहने वाले हैं और 2009 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। वे सोनीपत लोकसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

जसपाल आंतिल ने कहा कि वे कांग्रेस में 16 सालों से जी जान से सेवा कर रहे थे। पत्रकारों के सामने ही उन्होंने अपने कार्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तस्वीर उतार दी।

दहिया ने हुड्डा पर धोखेबाजी का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ी

राई से दो बार विधायक रहे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास जयतीर्थ दहिया ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को पार्टी के बना झटका माना जा रही है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को भेजा है। जयतीर्थ दहिया ने भूपेंद्र हुड्डा पर विश्वासघात और टिकट वितरण में सौदेबाजी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने राई के अलावा भी कई विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाए गए कांग्रेस नेताओं पर सवाल उठाए हैं।

जयतीर्थ दहिया वर्ष 2009 से 2014 व 2014 से 2019 तक राई से विधायक रहे हैं। जयतीर्थ दहिया वर्ष 2014 में राई विधानसभा चुनाव केवल तीन वोटों से जीते थे। विधायक रहते हुए दहिया ने भूपेंद्र हुड्डा के पक्ष में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने इस्तीफे की पेशकश की थी।

पहली बार मैदान में हैं 14 प्रत्याशी

जब अब तक के इतिहास में राई सीट पर पहली बार 14 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। यहां लगभग हर चुनाव में जीत हार का कम अंतर होता है और मतदाताओं की खामोशी इस बार भी रोमांचक मुकाबले की तरफ इशारा कर रही है। मतदाताओं की चुप्पी से सभी दलों के प्रत्याशी चिंतित हैं।

ऐसे में भाजपा ने 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का शेड्यूल घोषित कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की रैली होने की भी संभावना बढ़ गई है। हालांकि यहां के मतदाताओं के बारे में कहा जाता है कि जिस पार्टी की सरकार बनती है, विधायक उसी पार्टी का बनता है।

इसलिए खास है राई

पाकिस्तान बॉर्डर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की तरफ आने जाने के राई को दिल्ली का प्रवेश और निकास द्वार माना जाता है। अंग्रेजी सल्तनत से लेकर वर्तमान तक देश की राजधानी की रक्षा करने के लिए यहां के लोगों ने बड़ी कुर्बानियां दी है।

किसान आंदोलन के दौरान सरकार यहीं पर किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोकने में कामयाब हुई थी। सिंघू बॉर्डर दिल्ली के सबसे बड़े एंट्री प्वाइंट में शामिल है और उत्तर हरियाणा के पांच राज्यों की राजधानी से कनेक्टिविटी है।

कुल वोट-198792

पुरुष-106936

महिलाएं-91848

ट्रांसजेंडर-08

राई क्षेत्र के कद्दावर ने चौधरी रिजक राम संयुक्त पंजाब के दौर से विधायक बनते रहे हैं। हरियाणा अलग होने के बाद भी पांच बार विधायक बने। 2009 और 2014 में उनके बेटे जयतीर्थ भी विधायक रहे। उनके अलावा बाप बेटे दोनों को जीत का मौका नहीं मिला। हालांकि कई बड़े नेताओं के बेटे सक्रिय राजनीति में हैं।

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