
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में वापसी का तोहफा दिया है जिससे उन्नाव जिले के लगभग 300 शिक्षामित्रों को फायदा होगा। अब शिक्षामित्र अपनी ग्राम पंचायत के विद्यालयों में वापस जा सकेंगे जिससे उनका समय और पैसा बचेगा। सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है जिससे लगभग 3300 शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी।
उन्नाव। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को बड़ी सौगात दी है। जिससे जनपद के 300 शिक्षामित्र भी लाभांवित होंगे। सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार के इस कदम से जो शिक्षामित्र अपनी ग्राम सभा में चयनित हुए थे, लेकिन समायोजन के बाद उनको जिले के दूसरे ब्लॉकों में 80 से 100 किलोमीटर की दूरी पर भेज दिया गया था। वह अब अपनी ग्राम पंचायत के विद्यालय में लौट सकेंगे और घर के नजदीक रहकर शिक्षण कार्य कर सकेंगे। शिक्षामित्र लंबे समय से इसकी मांग भी सरकार से कर रहे थे। अब उनकी यह मांग पूरी होने से न सिर्फ शिक्षामित्रों को राहत मिल गई है बल्कि उनका खर्च भी काफी बच जाएगा।
अभी तक लंबी दूरी तय करने के लिए जेब ढीली करनी होती थी या स्कूल के पास किराए का मकान लेकर रहना होता था। सरकार ने यह सौगात तीन चरणों में दी है। जिसमें दूसरे ब्लाक से अपनी ग्राम सभा, महिला शिक्षामित्र को अपने मायके अथवा ससुराल व पति के कार्यरत स्थान जो चाहे अंतरजनपदीय भी होगा तो भेजा जाएगा। राज्य सरकार ने शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी से संबंधित तीन जनवरी 2025 को शासनादेश जारी किया था।
दरअसल, जनवरी में जारी शासनादेश के तहत इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शासन से अनुमति मांगी थी। इसके एवज में सरकार ने प्रथम चरण में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का उनके मूल विद्यालय में स्थानान्तरण-समायोजन के लिए अनुमति प्रदान कर दी गई है।
सरकारी अनुमति के बाद जिले के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग 3300 शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। शिक्षामित्र अपने मूल स्थान या उसके बेहद आसपास के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
दरअसल, जनवरी में जारी शासनादेश के तहत इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शासन से अनुमति मांगी थी। इसके एवज में सरकार ने प्रथम चरण में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का उनके मूल विद्यालय में स्थानान्तरण-समायोजन के लिए अनुमति प्रदान कर दी गई है।
सरकारी अनुमति के बाद जिले के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग 3300 शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। शिक्षामित्र अपने मूल स्थान या उसके बेहद आसपास के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
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