
1971 में जब युद्ध छिड़ा था, तब अमेरिका ने कहा था कि हम बंगाल की खाड़ी में अपना सातवां बेड़ा भेज रहे हैं। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी आगे बढ़ीं और वो किया जो देशहित में जरूरी था। आज हम उन्हें याद कर रहे हैं। जब संसद पर हमला हुआ था, तब अटल जी प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी जी नेता प्रतिपक्ष थीं। उन्होंने सदन के पटल पर खड़े होकर कहा था कि पूरा देश और पूरा विपक्ष सरकार के साथ है। उन्हीं परंपराओं को कायम रखते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी और तमाम दलों ने फिर से सरकार को पूरा समर्थन दिया था। इसके अलावा, कश्मीर मुद्दे पर भी अमेरिका की तरफ से जो बयान आए हैं, उसपर भी सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए, क्योंकि यह द्विपक्षीय मुद्दा है। इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और 1994 के प्रस्ताव को दोबारा दोहराना चाहिए देश के सामने स्पष्ट तरीके से कहा जाए कि: No third-party involvement will be accepted. It is a bilateral issue and it is India's and Pakistan's issue, and no country, including America, should have a space to intervene in a bilateral issue. पिछले कई दशकों से हमारी विदेश नीति बड़ी स्पष्ट थी। उसमें मध्यस्थता, समझौते और तीसरे पक्ष के शामिल होने की बात नहीं होती थी। ऐसे में हमारी अपील है कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। हमारे सैनिकों ने पिछले दिनों जिस ताकत, शौर्य और कार्यकुशलता से पाकिस्तान को मजा चखाने का काम किया है, उस पर हम सभी को नाज और फ़क्र है।
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