
बठिंडा के ज्योंद गांव में जमीन की निशानदेही को लेकर किसान और पुलिस में झड़प हो गई। किसानों के विरोध के कारण प्रशासन को बिना निशानदेही किए वापस लौटना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने प्रशासन पर धोखा देने का आरोप लगाया है। गांव में 600 एकड़ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है जिसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
बठिंडा। गांव ज्योंद में जमीन की निशानदेही करने को लेकर शनिवार को किसानों व पुलिस के बीच टकराव हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर धक्कामुकी हुई। जबकि किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन की टीम को एक बार फिर बिना जमीन की निशानदेही किए वापस लौटना पड़ा।
इससे एक दिन पहले भी प्रशासन की टीम एडीसी जनरल की अगुआई में जमीन की निशानदेही करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन टीम वापस लौट आई थी।
शनिवार सुबह जिला प्रशासन जमीन की निशानेदही के लिए ज्योंद गांव पहुंचा और जैसे ही किसानों को इसकी जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में एकत्र हुए किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
पांचवीं बार पुलिस-प्रशासन को लौटना पड़ा वापस
किसानों के कड़े विरोध को देखते हुए पुलिस प्रशासन को बिना कोई कार्रवाई किए पीछे हटना पड़ा। यह पांचवीं बार है, जब प्रशासनिक टीम को किसानों के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा है।
शुक्रवार के बाद शनिवार को भी डीएसपी फूल प्रदीप सिंह के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी गांव में जमीन की पैमाइश करने पहुंचे। जब किसानों को इसकी जानकारी मिली तो वे एकजुट हो गए और प्रशासनिक टीम के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस और किसानों के बीच हुई हाथापाई
इस बीच जब किसानों ने अलग-अलग समूह बना लिए, जब वे ड्रोन संचालन टीम की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने घोषणा की कि यदि ड्रोन माप को तुरंत नहीं रोका गया तो वे कड़ी कार्रवाई करेंगे। किसानों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने पैमाइश रोक दी और प्रशासनिक टीम वापस लौट गई। यह पांचवीं बार है जब प्रशासनिक टीम को वापस लौटना पड़ा।
पुलिस पर बरगलाने का आरोप
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने कहा कि एक तरफ तो जिला प्रशासन बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की बात कह रहा है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों को बरगला कर हिसाब-किताब करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह बड़ी संख्या में पुलिस बल खेतों में पहुंचा और जमीन की पैमाइश करने लगा, जिसे किसानों ने तुरंत रोक दिया। उन्होंने बताया कि गांव में लगातार मजबूत मोर्चा बना हुआ है। जबकि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों की पांच-पांच सदस्यीय समितियां गठित की गई हैं।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने अपनी नौ सदस्यीय समिति गठित की है, जो भूमि मुद्दे पर जिला प्रशासन के समक्ष अपनी दलीलें पेश कर रही है।
इसी तरह, विवादित भूमि के मालिक सरदारों ने भी अपनी पांच सदस्यीय समिति बना ली है, जो जिला प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष रख रही है। गांव के मुखियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने जमीन मामले में उनके पक्ष में फैसला दिया है। जमीनों के मालिकाना हक भी उनके नाम पर बोले जा रहे हैं।
12 मई को हुई थी दोनो पक्षों की हुई थी बैठक
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने बताया कि प्रशासन की पहल के बाद दोनों पक्षों द्वारा गठित कमेटियों की 12 मई को बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई थी।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो जिला प्रशासन बातचीत के जरिए मसले का हल निकालना चाहता है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों को धोखा देकर जमीन की पैमाइश की कार्रवाई कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि ज्योंद गांव में करीब 600 एकड़ जमीन को लेकर ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों के बीच विवाद चल रहा है। न्यायालय ने भूमि का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है, जिसके तहत प्रशासन बार-बार गांव का दौरा कर अनुरोध कर रहा है।
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