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भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन किया था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बैठक की है। इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीजफायर के बाद की स्थिति का आकलन करना था। साथ ही बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान मौजूद रहे।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीजफायर के बाद की स्थिति का आकलन करना था। बैठक में पाकिस्तान के तरफ से भेजे गए ड्रोन और मिसाइलों की घटनाओं पर भी चर्चा हुई। ये पिछले 24 घंटों में प्रधानमंत्री के साथ हुई तीसरी उच्च स्तरीय बैठक थी।

क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?

विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया है और ऐसा करना जारी रखेगा।

बता दें कि संघर्ष विराम की घोषणा सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी, उन्होंने कहा था, भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच कल संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी, उसके कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघर कर सीमा पार से एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।

पाकिस्तान ने किया था सीजफायर का उल्लंघन

भारत ने इसके बाद तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल भेजना बंद कर दिया। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, गुजरात के कुछ हिस्सों और राजस्थान के बाड़मेर सहित कई स्थानों पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और उन्हें रोका गया। कई सीमावर्ती क्षेत्रों में फिर से ब्लैकआउट करना पड़ा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।

भारत ने सीजफायर उल्लंघन को गंभीरता से लिया-विक्रम मिसरी

इसके बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार को देर रात प्रेस ब्रीफिंग की। प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने इन उल्लंघनों को बहुत- बहुत गंभीरता से लिया है। वहीं भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत में कोई भी आतंकी गतिविधि होगी तो उसे एक्ट ऑफ वार माना जाएगा।