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नई दिल्ली समाचार

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले की जांच कर रही ईडी ने पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में राष्ट्रपति ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। 

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू ने सीआरपीसी की धारा 197(1) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।
ईडी ने दायर की थी चार्जशीट
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने पिछले साल अगस्त में 76 वर्षीय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एजेंसी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर मनी लॉड्रिंग कस मामला दर्ज किया था।

ईडी ने चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव पर अपराध की आय को छिपाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। ईडी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने जमीनें इस तरीके से लीं, जिससे उनकी भागीदारी सामने न आए और परिवार को लाभ हो सके। जब प्रसाद रेल मंत्री थे तब मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरियों के वादे के साथ कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था।
इससे पहले ईडी ने जनवरी 2024 में लालू प्रसाद परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। इसमें उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, एक अन्य बेटी हेमा यादव और दो संबंधित कंपनियां - एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे। दिल्ली की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने इन दोनों आरोपपत्रों का संज्ञान लिया। अब इस मामले में राष्ट्रपति ने मुकदमे की मंजूरी दी है। 
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला
लालू प्रसाद यूपीए की पहली सरकार में रेल मंत्री थी, तब रेलवे के ग्रुप डी में भर्तियां की गईं। आरोप है कि बिना विज्ञापन दिए भर्तियां की गईं। कई लोगों को आवेदन देने के तीन दिन के भीतर ही नौकरी दे दी गई। नौकरियों के बदले अभ्यर्थियों से घूस के रूप में जमीन ली गई। ईडी ने कहा है कि लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं हैं।