
आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए शिक्षकों का डेटा तैयार करने में नौ प्रखंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) द्वारा लापरवाही बरती गई। डीएम के आदेश के बावजूद सूची जमा न करने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए इन बीईओ के वेतन पर रोक लगा दी है और स्पष्टीकरण मांगा है। इस वजह से करीब 12 हजार शिक्षकों का वेतन भुगतान भी प्रभावित हुआ है।
बेतिया। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं का डेटा तैयार करने का कार्य अंतिम चरण में है।
बावजूद इसके जिला के नौ प्रखंड शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के कारण निर्धारित समय सीमा में यह कार्य पूरा नहीं हो सका है।
इसको लेकर डीएम दिनेश कुमार राय के द्वारा बीते 15 अप्रैल को ही सख्त आदेश जारी करते हुए कार्यरत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं की अद्यतन विवरणी जिला निर्वाचन कोषांग को उपलब्ध कराने के साथ एनओसी प्राप्त कर लेने का आदेश डीएम द्वारा दिया गया था।
चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में डीएम के आदेश की अनदेखी
बावजूद इसके डीएम का आदेश अनुपालन में उदासीनता पर जिला शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सूची नहीं देने वाले नौ बीईओ पर कार्रवाई की है।
चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में डीएम के आदेश की अनदेखी पर डीईओ ने कर्तव्यहीनता में पकड़े गए चनपटिया, लौरिया, मैनाटांड़, मझौलिया, नरकटियागंज, सिकटा, ठाकरहां, योगापट्टी, नौतन के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है।
इसके अलावे जिला निर्वाचन कोषांग में अपडेट डेटा बेस जमा कराने के साथ वहां से प्राप्त एनओसी के साथ ऐसी लापरवाही के लिए अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
जिला शिक्षा कार्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपरोक्त नौ बीईओ द्वारा कार्यरत्त शिक्षक शिक्षिकाओं का अद्यतन डेटा बेस नहीं देने के कारण जिला के करीब जिलाभर के करीब 12 हजार शिक्षक शिक्षिकाओं के अप्रैल महीने का वेतन भुगतान रुक गया है।
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