
नील विजय सिंह ने 18 फरवरी को आवेदिका को बहराईच में होने वाले भारत नेपाल मैत्री महोत्सव 2024-25 में गायन के लिए आमंत्रित किया था। जिस पर आवेदिका कार्यक्रम में आई थी। आवेदिका को 35000 रुपये का भुगतान किया जाना था लेकिन नील विजय सिंह ने 30000 रुपये ही दिया।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग में आयोजनों में हेराफेरी करने वाले इवेंट मैनेजर कानपुर के नील विजय सिंह को एसटीएफ ने विभूतिखंड से गिरफ्तार किया। विभाग से कलाकारों को मिलने वाली राशि में नील विजय सिंह हेराफेरी करता था।
संस्कृति विभाग में अगर उसका बिल पास नहीं होता था तो आरोपित लारेंस बिश्नोई के नाम पर जान से मारने की धमकी देता था। इसकी सिफारिश पर फर्जी बिलों को विभाग के सहायक निदेशक राजेश अहरिवार पास करते थे। अब उनके ऊपर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित कानपुर नगर के आरके निगर स्थित नेहरू नगर निवासी नील विजय सिंह उर्फ शिवेंद्र प्रताप सिंह है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ मुख्यालय में शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था।
पूछताछ में आरोपित नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता का बिल उसने स्वयं के हस्ताक्षर से ही तैयार किया था। अन्य अन्य बिलों पर उसका मोबाइल नंबर होने के बारे में बताया कि उसने कुछ और कलाकारों के नाम पर कूटरचित बिल लगाए थे। एसटीएफ मुख्यालय को शिकायती पत्र में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में कलाकारों को मिलने वाली धनराशि में हेर-फेर का आरोप लगाया गया था। इसी क्रम में जांच शुरु की गई। जांच के दौरान राजकीय कोषागार, जवाहर भवन लखनऊ ने आवेदिका को भुगतान के बिल का विवरण उपलब्ध कराया गया।
संस्कृति विभाग का यह बिल भारत नेपाल मैत्री महोत्सव 2024-25 के कलाकारों के बिल के भुगतान से सम्बन्धित है। इवेन्ट मैनेजर नील विजय सिंह ने 18 फरवरी को आवेदिका को बहराईच में होने वाले भारत नेपाल मैत्री महोत्सव 2024-25 में गायन के लिए आमंत्रित किया था।
जिस पर आवेदिका कार्यक्रम में आई थी। आवेदिका को 35,000 रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन नील विजय सिंह ने 30,000 रुपये ही दिया। कुछ समय बाद आवेदिका को शेष पैसे का भुगतान करने के लिए नील विजय सिंह ने कैंसिल चेक की मांग की गयी। आवेदिका के चेक देने के बाद 31 मार्च को उनके खाते में राजकीय कोषागार जवाहर भवन से 2,41,000 रूपये का भुगतान प्राप्त हुआ।
जिसके कुछ देर बाद ही नील विजय सिंह ने कॉल कर आवेदिका से पैसे की माँग की। इस बात पर आवेदिका ने उक्त धनराशि को यह कहकर मना कर दिया कि यह धनराशि राजकीय कोषागार से प्राप्त हुई है, जिसे वह अपने खाते से निकालकर नहीं दे सकती है। धनराशि सरकारी भुगतान की है, इसलिए उक्त धनराशि जिस खाते अथवा बिल के माध्यम से उसे प्राप्त हुआ है उसी माध्यम से वह वापस करेगी।
इसके बाद तीन अप्रैल की रात दस बजे नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह अपने भाई महेन्द्र सिंह, भाभी श्वेता सिंह, मां और मोनिका कनौजिया उर्फ सना कनौजिया के साथ आवेदिका के घर पहुंचा। वहां पर 2 लाख 41 हजार रूपये खाते से निकाल कर देने का दबाव बनाते हुए लारेंस विश्नोई का नाम लेकर जान से मारने की धमकी देने लगा।
इवेन्ट मैनेजर नील विजय सिंह उर्फ शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने पूछताछ में बताया कि श्रेया मिश्रा ने उक्त बिल उसके स्वयं के हस्ताक्षर से ही तैयार करायया था, इसके अतिरिक्त प्राप्त अन्य बिलों पर उसका मोबाइल नम्बर होने के बारे में बताया कि मैने और भी कुछ कलाकारों के नाम पर कूटरचित बिल लगाये थे। तीन अप्रैल को अपने भाई महेन्द्र सिंह, मां रामा देवी, भाभी श्वेता सिंह, सहयोगी सना कनौजिया व मोनिका कनौजिया के साथ श्रेया मिश्रा के घर जाकर उनसे उनके खाते में आये 2,41,000 रुपये देने की मांग की। जहां पर मैंने तथा मेरे साथ गये लोगों ने श्रेया मिश्रा को रूपये न देने पर लारेंश विश्नोई के नाम से जानमाल की धमकी दी थी।
नील विजय ने बताया कि इवेन्ट के बिलों के हेरफेर में संस्कृति विभाग के राजेश अहिरवार, सहायक निदेशक व अन्य लोग मेरा सहयोग करते हैं। राजेश अहिरवार के कहने पर ही मैंने विभिन्न कलाकारों के नाम पर फर्जी कूटरचित बिल तैयार करके तथा कलाकारों के फर्जी हस्ताक्षर करके संस्कृति विभाग दिये और उन बिलों को राजेश अहिरवार से पास करके ट्रेजरी भेजवाने और उसके बाद धनराशि कलाकारों के खातों में जाने पर उन कलाकारों पर दबाव बनाकर पैसा वापस मांगता हूं। इसमें से राजेश अहिरवार को भी कमीशन जाता है।
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