Skip to main content
बिजली बिल मामले में सांसद जियाउर्रहमान को हाई कोर्ट से राहत, नहीं होगी 1.91 करोड़ रुपये वसूली

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान के संभल स्थित निवास पर बिजली बिल बकाया मामले में 15 मई 2025 के नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सांसद को दो सप्ताह में छह लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है जिसके बाद बिजली कनेक्शन बहाल किया जाएगा। न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान के संभल स्थित निवास में लगभग दो करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया भुगतान की मांग में जारी 15 मई 2025 के नोटिस पर रोक लगा दी है। 

हाई कोर्ट ने सपा सांसद को कहा है कि वह दो सप्ताह के भीतर छह लाख रुपये  अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड संभल के कार्यालय जमा करेंगे। कोर्ट ने पैसा जमा करने पर तत्काल प्रभाव से बिजली कनेक्शन बहाल करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने सपा सांसद जियाउर्रहमान की याचिका पर पारित किया है। साथ ही पावर कारपोरेशन के अधिवक्ता व सरकारी अधिवक्ता को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है तथा अगली सुनवाई के लिए दो जुलाई 2025 की तारीख नियत की है। 

सपा सांसद की ओर से अधिवक्ता विधान चंद्र राय का कहना था कि याची के लिए चार हजार 138  दिन पुराना असेसमेंट किया गया है। कहा गया कि 12 वर्ष पुराना असेसमेंट करने का अधिकार नहीं है। 365 दिन तक का असेसमेंट करने का अधिकार है। 

एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने ऐसा आदेश पारित कर कानूनी गलती की है। मुकदमे से जुड़े तथ्य के अनुसार अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड संभल ने 15 मई 2025 को आदेश पारित कर याची के खिलाफ 1.91 करोड़ की मांग की है।