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Himachal News: सचिवालय कर्मचारी संगठनों के निशाने पर आए हिमाचल के मंत्री, कहा- गलत बयानबाजी करने के लिए मांगे माफी

हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी सचिवालय कर्मचारी संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। कर्मचारियों ने मंत्री से गलत बयानबाजी को लेकर माफी मांगने की मांग की है। कर्मचारियों ने चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो काले बिल्‍ले लगाकर उन्‍हें चेताया जाएगा। कर्मचारियों ने मंत्री राजेश धर्माणी को खूब खरी-खोटी सुनाई।

 शिमला। डीए एवं एरियर की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदेश सचिवालय के 5 संगठनों के निशाने पर शुक्रवार को नगर एवं ग्राम नियोजन व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी निशाने पर रहे।

दरअसल बीते दिन राजेश धर्माणी ने बयान दिया था कि कर्मचारी नेता अपनी चमचागिरी चमकाने के लिए उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि यदि प्रतिकूल हालात में कर्मचारी सरकार का साथ नहीं देते तो आने वाले समय में उनके वेतन में कटौती भी हो सकती है। कर्मचारियों ने राजेश धर्माणी से माफी मांगने की शर्त रखी।

राजेश धर्माणी को सुनाई गई खरी खोटी

सचिवालय के तीन संगठनों को राजेश धर्माणी द्वारा दिया गया बयान खूब अखरा और उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई। शुक्रवार को सचिवालय के आर्म्जडेल भवन के प्रांगण में आयोजित जरनल हाऊस में हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ के प्रधान संजीव शर्मा ने कहा कि पहले कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी उनके 3 सवालों का जवाब दें।

राजेश धर्माणी ने मांगी माफी

पहला, मोबाइल पर 500 रुपये प्रतिमाह पर अनलिमिटेड कॉल की सुविधा मिलने पर मंत्री टेलीफोन पर मिलने वाले 20 हजार रुपये के भत्ते में से 19,500 रुपये क्यों नहीं छोड़ते? दूसरा, मंत्री 95 हजार का सत्कार भत्ता लेते हैं, तो क्या वह उसको छोड़ सकते हैं?

तीसरा, जिन दो कैबिनेट मंत्रियों के कार्यालयों पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, उसके ऊपर उनकी क्या प्रतिक्रिया है? उन्होंने राजेश धर्माणी से अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार क्यों सेवानिवृत्ति के बाद राम सुभग सिंह जैसे नौकरशाह पर मेहरबान है?

कर्मचारियों ने लगाया आरोप

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की अफसरशाही सरकार को गुमराह करके अपने हित साध रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 27 अगस्त तक सरकार उनको वार्ता के लिए नहीं बुलाती, तो 28 अगस्त से काले बिल्ले लगाकर सरकार का विरोध किया जाएगा। हालांकि कर्मचारी मानसून सत्र के दौरान किसी तरह की रोष रैली नहीं निकालेंगे तथा इसकी समाप्ति के बाद 10 या 11 सितंबर को तीसरी बार जनरल हाऊस करके आगामी रणनीति अपनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता को बुलाने और कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा करने में जितनी अधिक देरी करेगी, कर्मचारी सरकार और अफसरशाही की एक-एक करके परतें खोलती रहेगी। सचिवालय कर्मचारी महासंघ के प्रधान संजीव शर्मा ने आरोप लगाया कि जो सरकार वित्तीय संकट का रोना रो रही है, उसी सरकार के अधिकारियों की नालायकी के कारण प्रदेश में वर्ष, 2023 में 114 करोड़ रुपये लैप्स हो गए।

बोधराज चंदेल का कथन

प्रदेश सचिवालय में निजी सचिव संघ के अध्यक्ष बोधराज ने कहा कि अगर सरकार पहले मान जाती तो इतनी नौबत न आती कि कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ता। उन्होंने कहा कि वह सी.एम. से अपनी मांगों को लेकर कई बार मिले, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने आरोप लगाया कि चेहतों को नौकरी देने के लिए सचिवालय में आऊटसोर्स भर्ती का रास्ता निकाला जा रह है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब भी न जागी तो प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों के बैनर तले पूरे प्रदेश के कर्मचारी अपना मोर्चा खोल देंगे।

ज्योति चौहान ने लगाया आरोप

प्रदेश सचिवालय में अधिकारी संघ के नेता ज्योति चौहान ने आरोप लगाया कि मंत्री व अधिकारियों ने प्रदेश में आज ऐसे हालात पैदा किए है, जिससे उनको सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह भूल गई है कि प्रदेश में आपदा के समय कर्मचारियों ने अपना वेतन काटकर मदद की थी।

साहिल ने किया कटाक्ष

प्रदेश सचिवालय में चतुर्थ कर्मचारी संघ के महासचिव साहिल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज मित्र मंडी करोड़ों में है और कर्मचारी रोड पर है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बेरोजगारी चिंता का विषय बन गई है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

महासचिव सतीश कर बयान

प्रदेश सचिवालय में चालक कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश ने कहा कि आज यह हालात है कि अधिकारियों को वित्तीय लाभ देने की फाइल तो रात में ही पास हो जाती है। इसके विपरीत प्रदेश के कर्मचारियों की समय पदोन्नति व वित्तीय लाभों की फाइलें अफसर दबाकर रखते हैं। उन्होंने मंत्री राजेश धर्माणी को सलाह दी कि प्रदेश हित में वह अपनी गाड़ी और बंगला छोड़ दें।

ओपीएस को बंद करने की हिम्मत नहीं

सचिवालय कर्मचारियों ने कहा कि ओपीएस को बंद करने की हिम्मत न तो सरकार में है और न हीं अफसरशाही में। कर्मचारियों ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।

मैंने गलत कुछ नहीं कहा: राजेश धर्माणी

नगर ग्राम एवं नियोजन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मैंने कर्मचारियों के बारे में गलत कुछ नहीं कहा है, फिर माफी क्यों मांगू? उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसमें कर्मचारियों को साथ देना चाहिए।

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