
Badlapur encounter बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी के एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि आरोपी अक्षय शिंदे की गोली मारकर हत्या टाली जा सकती थी। कोर्ट ने इसी के साथ पुलिस से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आरोपी के सिर में गोली मारनी जरूरी थी क्या उसके हाथ और पैर में गोली नहीं मारी जा सकती थी।
मुंबई। बदलापुर में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी के एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि आरोपी अक्षय शिंदे की गोली मारकर हत्या टाली जा सकती थी। कोर्ट ने इसी के साथ पुलिस से कई सवाल भी पूछे हैं।
कोर्ट ने पूछे कई गंभीर सवाल
- हाईकोर्ट ने पूछा कि आरोपी को सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई, पहले पैर या हाथ में क्यों नहीं?
- हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी को गोली लगने से बचाया जा सकता था। कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की?
निष्पक्ष तरीके से जांच जरूरी
बदलापुर मामले पर हाईकोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी की मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए। बता दें कि आरोपी अक्षय शिंदे के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसपर आज सुनवाई हुई। शिंदे की मौत पुलिस की "जवाबी फायरिंग" में हुई थी।
अन्ना शिंदे ने मंगलवार को वकील अमित कटरनवरे के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया था कि उनके बेटे अक्षय शिंदे की हत्या फर्जी मुठभेड़ में की गई और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की।
बच्चियों के योन शोषण का था आरोपी
23 वर्षीय आरोपी अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। शिंदे पर आरोप था कि उसने कथित तौर पर स्कूल के शौचालय में दो लड़कियों का यौन शोषण किया था।
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