Skip to main content

बरेली: नगर निगम ने शहरी क्षेत्र से डेयरियों को बाहर खदेड़ने की पूरी तैयारी कर ली हे। इसके लिए डेयरियों पर लगे सबमर्सिबल पंप हटाकर उनका पानी बंद किया जाएगा। निगम के स्वास्थ्य विभाग ने 802 डेयरियों को चिह्नित कर सूची जलकल विभाग को उपलब्ध कराई है। दोनों विभाग मिलकर संयुक्त कार्रवाई करेंगे। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।

डेयरियों से निकलने वाले गोबर से नाले चोक हो जाते हैं और बारिश में जलभराव की समस्या होती है। इससे निपटने के लिए नगर निगम ने डेयरियों का पानी बंद करने की तैयारी की है। नगर निगम क्षेत्र में 820 डेयरियां हैं, जहां सबमर्सिबल पंप लगा है और गोबर नाले, नालियां, सीवर लाइन में बहता है। जलकल विभाग के मुताबिक सबमर्सिबल पंपों के अत्यधिक उपयोग से भूजल स्तर में गिरावट आई है। कई क्षेत्रों में इस समस्या को गंभीरता से लिया गया है। उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नैन सिंह ने बताया कि डेयरियों को चिह्नित किया गया है। यहां से निकलने वाले गोबर की वजह से नाली जाम हो जाती है। सबमर्सिबल पंप के उपयोग करने से पानी की बर्बादी हो रही है। 

इन क्षेत्रों में लगे हैं अधिक सबमर्सिबल
नगर निगम के सूची के अनुसार संजयनगर, डेलापीर, पुराना शहर, कटरा चांद खां, हरूनगला, चाहबाई, कालीबाड़ी, गंगापुर, बानखाना, किला, बदायूं रोड, सीबीगंज में सबसे अधिक डेयरियां हैं। इन इलाकों में ही लगभग 500 से अधिक डेयरी संचालित हो रही हैं।

डेयरी हटाने की मंशा अटकी, गोकुलधाम का सपना नहीं हुआ पूरा
शहर में कई जगह घनी आबादी के बीच कई दशक से डेयरियां हैं। इसके हटाने के लिए नगर निगम ने कई बार प्रयास किए लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी। कुछ साल पहले शहर के बाहर एक बड़े गोकुलधाम बनाने का प्रस्ताव रखा था, जहां गायों और बकरियों को रखने के लिए एक समुचित स्थान दिया जाता, लेकिन मंशा अब तक पूरी नहीं हो पाई। स्थानीय निवासियों और डेयरी मालिकों के विरोध की वजह से इस परियोजना में कई रुकावटें आईं। डेयरी संचालक इस योजना के खिलाफ हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा।