
लखनऊ समाचार
चुनावी आहट ने पक्ष और विपक्ष के राजनेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ा दी है। एक छोटा मुद्दा देखते ही देखते बड़े सियासी उबाल का कारण बन जा रहा है।
चुनावी आहट ने पक्ष और विपक्ष के राजनेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ा दी है। वे एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं। राणा सांगा, भीमराव आंबेडकर और व्योमिका सिंह पर सियासत अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि डीएनए का नया विवाद सामने आ गया। विशेषज्ञ इसकी जड़ में अगले दो वर्षों में होने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों को मान रहे हैं। उनके मुताबिक आने वाले समय में इन हमलों का तीखापन और बढ़ेगा।
राज्यसभा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन का राणा सांगा पर दिया बयान खासा विवाद का विषय बना। यूपी की राजनीति इस मुद्दे पर खूब गर्माई। फिर, डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चेहरे के कोलाज ने राजनीतिक हवा का ताप बढ़ा दिया। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर सपा नेता रामगोपाल यादव की जातिसूचक टिप्पणी पर सियासी तूफान आ गया। यह मुद्दा थमा भी नहीं था, कि ब्रजेश पाठक के डीएनए पर सपा का आपत्तिजनक बयान पुलिस थाने में दर्ज हो गया।
लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि राजनीति में इस तरह के हमले कोई नई बात नहीं है। जब-जब चुनावों की आहट होती है, तब-तब राजनेता एक-दूसरे हमलावर हो जाते हैं। मानो यह चुनावी तैयारियों का एक अहम हिस्सा हो। ऐसा सिर्फ यूपी या भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य लोकतांत्रिक देशों में भी देखने को मिल रहा है। बता दें, वर्ष 2026 की शुरुआत में प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सपा बोली- अपना डीएनए टेस्ट कराएं ब्रजेश पाठक
सपा मीडिया सेल के एक्स अकाउंट पर शनिवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा गया कि बात-बात पर सपा के डीएन पर बयानबाजी करने वाले ब्रजेश पाठक अपना डीएनए अवश्य चेक करवाएं। इसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर भी जरूर डालें, जिससे उनका असली डीएनए तो पता चले। उसके बाद जो लिखा गया, वो इतना अमर्यादित था कि उसका जिक्र भी करना मुनासिब नहीं है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा मुखिया को टैग करते हुए एक्स पर लिखा- अखिलेशजी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का ऑफिशियल हैंडल है। लोकतंत्र में सहमति-असहमति, आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे, पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या आदरणीय डिंपलजी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? इसके बाद सपा के एक्स अकाउंट से उस पोस्ट को धमकी भरे अंदाज में यह कहते हुए हटा लिया गया कि हम तो पोस्ट डिलीट कर दे रहे हैं, लेकिन आप आइंदा से डीएनए की भाषा का इस्तेमाल करने से पहले सोचिएगा कि जब आप किसी कांच के ऊपर पत्थर मारते हैं, तो पलटकर टुकड़े अपनी ओर भी आते हैं।
माफी मांगे अखिलेश : केशव
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा का चरित्र घटिया, घिनौना और समाज विरोधी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की लोकप्रिय सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को लेकर सपा के अधिकृत अकाउंट से पोस्ट किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तत्काल माफी मांगे, अन्यथा पूरी सपा बहुत पछताएगी। इसकी सजा यूपी की जनता सपा को समाप्त करके देगी।
दलित पक्षधरता से ब्रजेश पाठक पर हमला : निर्मल
उप्र. अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के खिलाफ सपा की अमर्यादित टिप्पणी की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। डॉ. निर्मल ने कहा कि ब्रजेश पाठक इन दिनों दलित मुद्दों को लेकर काफी मुखर थे। यह सपा को पच नहीं रहा है।
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