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अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में चेन्नई की अदालत ने बिरियानी वेंडर ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 19 वर्षीय छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में आरोपी पर 90000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जज एम राजलक्ष्मी ने कहा कि दोषी को कम से कम 30 साल तक जेल में रहना होगा।

अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। चेन्नई की अदालत ने बिरियानी वेंडर ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

चेन्नई की एक महिला अदालत ने 19 वर्षीय छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में आरोपी पर 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

30 साल तक जेल में रहना होगा-कोर्ट

जज एम राजलक्ष्मी ने कहा कि दोषी को कम से कम 30 साल तक जेल में रहना होगा। जज ने पिछले सप्ताह ज्ञानशेखरन को यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, धमकी और अपहरण सहित सभी 11 आरोपों में दोषी पाया। मामले में कम से कम 29 गवाहों ने गवाही दी और पुलिस ने 100 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया

इससे पहले आरोपी ने कोर्ट के सामने अपनी बुजुर्ग मां और आठ साल की बेटी की देखभाल के लिए घर पर रहने की जरूरत का हवाला देते हुए न्यूनतम सजा की मांग की थी। लेकिन जज ने कहा कि सभी आरोपों में उसे दोषी पाए जाने के बाद  उसे अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।

SIT का किया था गठन

अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले और कथित एफआईआर लीक की जांच के लिए केवल महिलाओं की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था। वहीं अदालत ने सरकार को पीड़िता के लिए अंतरिम सहायता के रूप में 25 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था

SIT ने इस मामले में 24 फरवरी को जांच पूरी की और अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल की। उसके बाद 7 मार्च को महिला कोर्ट ने ये मामला ट्रांसफर किया गया।

क्या था पूरा मामला?

ये घटना पिछले साल 23 दिसंबर की है, ज्ञानशेखरन यूनिवर्सिटी में गया और उसने लड़की को धमकाया। पीड़िता अपने पुरुष मित्र के साथ परिसर में थी। ज्ञानशेखरन ने छात्रा के मित्र के साथ मारपीट की और पीड़िता पर हमला किया। उसने उसे ब्लैकमेल करने के इरादे से इस घटना का वीडियो भी बनाया था। इसके बाद ज्ञानशेखरन को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

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