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                         आत्मघाती ड्रोन 

नई दिल्ली ब्यूरो चीफ

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने आत्मघाती ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है। ये ड्रोन्स बेहद खतरनाक माने जाते हैं, जो बाज की तरह झपटकर दुश्मन को तबाह कर देते हैं। तो आइए जानते हैं कि क्या हैं ये लोइटरिंग म्यूनिशन...

भारत ने बुधवार पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने लोइटरिंग म्यूनिशन या आत्मघाती ड्रोन्स का इस्तेमाल किया। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने समन्वय तरीके से काम करते हुए पूरी सटीकता से आतंकी ठिकानों पर हमला किया। हमले के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आतंकी ठिकानों की सूचना दी। इस पूरी कार्रवाई को भारतीय सीमा से ही अंजाम दिया गया।

क्या हैं आत्मघाती ड्रोन्स? 
लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं। आत्मघाती ड्रोन्स का साइज, पेलोड और वारहेड अलग-अलग हो सकते हैं। लोइटरिंग म्यूनिशन एक ही बार के लिए इस्तेमाल होते हैं क्योंकि ये अपने टारगेट के साथ ही फटकर तबाह हो जाते हैं। आत्मघाती ड्रोन्स का इस्तेमाल पहली बार साल 1980 में हुआ था, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में इनका इस्तेमाल बढ़ा। यमन, इराक, सीरिया और यूक्रेन की लड़ाई में इन ड्रोन्स का इस्तेमाल खूब हुआ है। साल 2021 में व्यापारिक जहाजों को भी आत्मघाती ड्रोन्स से निशाना बनाया जा रहा है।
पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, जिनमें बहावलपुर में जैश ए मोहम्मद के ठिकाने, मुरीदके में लश्कर ए तैयबा के ठिकाने और चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके शामिल हैं। इस दौरान पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर कोई हमला नहीं किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार तड़के 1.44 बजे ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। 
क्यों जरूरी थी यह कार्रवाई?
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ। उसमें 25 पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत इसका जवाब देगा। इसके बाद 29 अप्रैल को सेना के तीनों प्रमुखों, सीडीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जवाब किस तरह होगा और कब होगा, यह तय करने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। इसके बाद यह तय हो गया था कि भारत जल्द कार्रवाई करेगा।